मिथिला सिटी न्यूज़
पटना 25 जनवरी 2023
जे टी न्यूज
पटना (बिहार) : अति पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके वास्तविक अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं और इसके लिए जरूरत पड़ी तो संघर्ष भी किया जाएगा। यह बात वक्ताओं ने अति पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष महामोर्चा के बैनर तले आयोजित कर्पूरी ठाकुर जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कही. इस कार्यक्रम का उद्घाटन महामोर्चा के मुख्य संरक्षक डॉ यू.पी. गुप्ता तथा पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महामोर्चा के बिहार संयोजक जयनाथ चौहान ने की तथा संचालन कंचन गुप्ता ने किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ घनश्याम राय ने कहा कि आज भी बिहार में हाशिए के लोगों का जीवन बहुत दुरूह और मुश्किल है। कर्पूरी ठाकुर ने उनके जीवन में जो रौशनी लाने का सपना देखा था, उनका वह सपना पूरा नहीं हुआ है। उनकी चिंता में हिन्दुस्तान के आम आदमी प्रमुखता से शामिल रहे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बिहार में शिक्षा के लिये जो काम किया, वह अपनी तरह का विरल काम था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज शिक्षा महंगी हो रही है और गरीबों की पहुंच से बहुत बाहर जा चुकी है। वे ऐसे नेता थे, जिन्होंने हिन्दी में कामकाज को बढ़ावा दिया। यह कर्पूरी जी ही थे जिन्होंने गांधी मैदान में दस हजार इंजीनियरों को नियुक्ति पत्र दिया था. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को अबतक मरणोपरांत भी भारत सरकार द्वारा भारत रत्न की उपाधि नहीं देना अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,नेता विरोधी दल और संगठनकर्ता के साथ ही बिहार की संसदीय राजनीति में कर्पूरी ठाकुर ने जो मिशाल पेश की उसका महत्व बहुत व्यापक और चिरकालिक है। उन्होंने सदैव अपनी राजनीति के केंद्र में समाज के अंतिम आदमी को रखा। यह अकारण नहीं है कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है उनका महत्व बढ़ता ही जा रहा है।
अपने संबोधन में डॉ यू. पी. गुप्ता ने कहा कि अति पिछड़ों की अनदेखी का खामियाजा सभी राजनीतिक पार्टियों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वोट हमारा राज तुम्हारा अब नहीं चलेगा। कार्यक्रम में कंचन गुप्ता ने कहा कि पूरे बिहार में अति पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच घूम घूम कर काम किया जाएगा और यह आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक हर एक घर का अति पिछड़ा जाग ना जाए. चंद्रेश्वर साह ने कहा कि सभी पार्टिया कर्पूरी ठाकुर के विचारों और अति पिछड़ा समाज के हितैषी होने का स्वांग करती हैं लेकिन अति पिछड़ों के लिए वास्तविक काम नहीं किया जा रहा. जयनाथ चौहान ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे भारत सरकार के सभी उपक्रमों को निजी हाथों में बेच रही है. मोर्चा के संरक्षक रामानंद गुप्ता ने कहा कि यह मोर्चा किसी दल के पक्ष या विरोध में नहीं बना है बल्कि मोर्चा अति पिछड़ों के हक की लड़ाई के लिए बना है. मोहम्मद मुस्ताक अहमद ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज का 90% भाग अति पिछड़ा समाज की श्रेणी में आता है इसलिए पिछड़ा अल्पसंख्यक समाज पूरी ताकत से मोर्चा के साथ खड़ा रहेगा. ललन कुमार चंद्रवंशी और डॉ रत्नेश पटेल ने भी पिछड़ों को अधिकार देने की बात कही. इस दौरान प्रस्ताव पारित कर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने, कर्पूरी ठाकुर की जीवनी को पाठ्य पुस्तकों में शामिल करने और आरक्षण का दायरा बढ़ाने की भी मांग की गई।