मिथिला सिटी न्यूज़
समस्तीपुर (बिहार) : मुकेश आर्ट एंड कल्चर के सभापति मुकेश कुमार के नेतृत्व में हिन्दी नाट्य आन्दोलन के महान योद्धा डॉ. चतुर्भुज की 94 वीं जयन्ती पर ऑनलाइन वेबिनायर का आयोजन 07.30बजे सायं में किया गया। उत्तर बिहार के लब्ध प्रतिष्ठित रंगकर्मी अनिल पतंग की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत ख्यात निर्देशक बिनय सिन्हा ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में नाट्य शास्त्र के स्वतंत्र संभाग की शुरुआत कराने में डॉ. चतुर्भुज के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा से की।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. चतुर्भुज के पुत्र व देश के जाने माने उद्घोषक डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने अपने पिताजी के जीवन से जुड़ी संस्मरणों को सुनाया।उन्होंने कहा कि विरासत में मिली रंगकर्म,लेखन को उन्होंने जारी रखा है,जिसके तहत पिताजी द्वारा रचित सभी नाटक व अन्य पुस्तकों को वेवसाइट www.chaturbhujdrama.com पर रंगकर्मियों,कलाप्रेमियों एवं शोधार्थियों के लिए सुरक्षित कर दिया है।

इस अवसर पर संस्था के महासचिव युवा संगीतज्ञ मंगलम कुमार ने कहा कि नाट्य परम्परा को पुनर्जीवित करने में इस वेवसाइट का लाभ नई पीढ़ी को अवश्य मिलेगा, जिससे लोग भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एवं जयशंकर प्रसाद के बाद के नाट्य संसार को जान सकेंगे।सिंगरौली मध्य प्रदेश से जुड़ी संस्कृतिकर्मी गुंजन ने नारी सशक्तिकरण एवं बच्चों में अनुशासन,संस्कार एवं ऊँचे मूल्यों के निरूपण में डॉ.साहब की रचना को मिल का पत्थर बताया और इसे विद्यालय में प्रमुखता से मंचित करने की मांग की।
कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए आचार्य जे.पी.पाठक ने कला एवं कलाकार को प्रशिक्षण एवं संरक्षण की पुनः आवश्यकता पर बल दिया। वहीं दरभंगा के प्रसिद्ध रंगकर्मी, लेखक अमरनाथ झा ने नाटक के लिए उर्वर भूमि नालन्दा जिला में जन्मे डॉ. चतुर्भुज के नाटक के प्रति आकर्षण,समर्पण,50 से अधिक नाटक लेखन,मंचन से लेकर संघ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आकाशवाणी पटना के अधिशासी से निदेशक तक का सफर को पूरा करने के बाद भी भारतीय और विदेशी भाषाओं के नाटकों का इतिहास व नाट्य शिल्प विज्ञान जैसी कालजयी रचना के सृजन एवं नाट्यधर्मी के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने हेतु जीवनपर्यंत की गई उनके संघर्ष की विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यक्रम में शिक्षाविद अरुण कुमार,विश्वनाथ सिन्हा,गीता मुकेश आदि सक्रिय रहे।वेविनायर के लिए तकनीकी सहयोग सौरव एवं सी.एस. पंकज कुमार ने किया।